UNSC की कुर्सी पाकिस्तान के पास, शांति आए न आए… ट्वीट ज़रूर आएंगे

Ajay Gupta
Ajay Gupta

संयुक्त राष्ट्र न्यूयॉर्क से रिपोर्ट — दुनिया में संघर्ष, युद्ध और कूटनीतिक खींचतान के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की जुलाई 2025 की अध्यक्षता अब पाकिस्तान को मिल गई है

इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक़ डार का उत्साह इतना उफान पर था कि उन्होंने तुरंत एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर स्टेटमेंट डाल दिया:

“हम दुनिया को शांति, संवाद और संतुलन की राह पर ले चलेंगे।”

(बस अफ़ग़ानिस्तान, बलूचिस्तान, और कश्मीर इस संदेश को पढ़ने से पहले गहरी सांस ले लें।)

संघर्षों के बीच ‘शांति’ का वादा

डार साहब ने आगे लिखा,

“यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है, जब पूरी दुनिया में संघर्ष और मानवीय संकट बढ़ते जा रहे हैं। हम UNSC को कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान की ओर मोड़ना चाहते हैं।”

(संयोग से ये वही समय है जब पाकिस्तान खुद भी अपनी आंतरिक राजनीति में ‘संवाद’ ढूंढ रहा है।)

अल्फाबेटिकल ऑर्डर से आई अध्यक्षता, लेकिन बयान VIP क्लास के

UNSC की अध्यक्षता कोई वोटिंग से नहीं आती—यह 15 सदस्य देशों के बीच अल्फाबेटिकल रोटेशन से मिलती है। इस बार बारी ‘P’ यानी Pakistan की थी।

लेकिन पाकिस्तान ने इसे जैसे “संयुक्त राष्ट्र ने हमारे नेतृत्व को पहचाना है” वाला उत्सव बना दिया।

क्या पाकिस्तान अब शांति का प्रतीक बनेगा?

पिछले रिकॉर्ड्स देखें तो यह पाकिस्तान का 8वां कार्यकाल है बतौर अस्थायी सदस्य, पर पहली बार ऐसा जोश ट्विटर पर नजर आया है। सवाल उठता है—क्या वाकई पाकिस्तान वैश्विक मंच पर ‘शांतिदूत’ बन सकता है?

या फिर यह अध्यक्षता एक ग्लोबल ‘फोटोपॉज’ है — जहाँ कैमरे के लिए मुस्कान जरूरी होती है, भले ही बैकस्टेज कुछ और चल रहा हो।

संयुक्त राष्ट्र की सच्चाई: कुर्सी तो सबको मिलती है

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य (जैसे अमेरिका, रूस) अपनी वीटो पावर से मुद्दों का रुख बदल सकते हैं, लेकिन अस्थायी सदस्य — जैसे पाकिस्तान — के पास चेयर की शोभा बढ़ाने का मौका होता है

पर फिर भी, बयान देना, फोटो खिंचवाना और “शांति लाएंगे” कहना—ये सब पूरे अधिकार के साथ किया जा सकता है। और यही इसहाक़ डार ने किया।

कुर्सी पक्की, कार्रवाई बाकी

पाकिस्तान के लिए यह अध्यक्षता प्रेस रिलीज़ और ट्वीट्स का महीना साबित हो सकती है।
अब देखना ये होगा कि ये कूटनीति के नक्शे पर असर डाल पाएगी या नहीं, या फिर बस एक और अंतरराष्ट्रीय कुर्सी सेल्फी बनकर रह जाएगी।

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